मौसम विभाग ने मौसम को लेकर एक नई चेतावनी जारी की गई है, जिसमें किसानों के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए सुझाव दिए गए हैं। खासकर जिन स्थानों पर खड़ी फसलों है उनके लिए भी जरूरी कदम उठाने के लिए सुझाव दिए गए हैं। इसके अलावा पशुओं के लिए और भारी भीषण गर्मी के कारण, लोगों को गर्मी से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार 13 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की गंगा क्षेत्र में और 13 से 15 अप्रैल को उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश और झारखंड के अलग-अलग स्थान पर मेघगर्जन, बिजली गिरना, तेज हवाओं और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। इसके चलते किसानों को अपेक्षित कार्रवाई करने की भी सलाह दी गई है।
बारिश, ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं से होने वाले प्रभाव व बचने उपाय

तेज हवा और ओलावृष्टि से खड़ी फैसले और बागवानी को नुकसान हो सकता है। लोगों और पशुओं को भी नुकसान हो सकता है। वहीं तेज़ आंधी तूफान के कारण कमजोर वस्तुओं को भी उड़ने, गिरने का खतरा रहता है। कच्चा घर, हल्की वस्तुओं को भी तेज़ आंधी उड़ा ले सकती है।
कार्रवाई के लिए सुझाव
मौसम विभाग के अनुसार घर के अंदर ही रहे। खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। यदि संभव हो तो यात्रा करने से बचे, सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लें। पेड़ों के नीचे शरण ना ले। तेज हवाएं और बारिश और ओलावृष्टि के दौरान खुली छत पर ना सोए और दीवारों के सटीक भी ना रहे। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर रहे और जहां जल भराव का इलाका है उससे दूर रहने की कोशिश करें। बिजली संचालन वाली वस्तुओं से भी दूर रहें।
राजस्थान में 16 से 18 अप्रैल को भीषण गर्मी की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार 16 से 18 अप्रैल के दौरान पश्चिम राजस्थान के कई हिस्सों में भीषण गर्मी से लेकर भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। और भीषण गर्मी के कारण पड़ने वाले प्रभाव और इससे बचने के लिए सुझाव प्रदान किए गए हैं।

जैसे की, जहां लाल रंग की भारी चेतावनी जारी की गई है, वहां सभी आयु के लोगों को गर्मी से बचने के लिए सुझाव दिए गए हैं। खासकर उन व्यक्तियों को जिनको गर्मी से ज्यादा प्रॉब्लम होती है और कमजोर लोगों के लिए अधिक देखभाल की आवश्यकता है।
इसलिए जरूरी कदम उठाए, गर्मी से बाहर न निकले, हो सके उतना ठंडी छाया में ही रहे, अपने इलाके में पशु पक्षियों के लिए भी पानी पीने की व्यवस्था करें। और अधिक मात्रा में पानी पिए, नींबू शर्बत, छाछ और अन्य जो हाइड्रेट रखने वाली चीजों को भी पिए।
ऑरेंज अलर्ट वाले क्षेत्र में, जहां गर्मी से होने वाली बीमारियां के लक्षण की संभावना अधिक बढ़ जाती है। तो उन लोगों को धूप में ज्यादा देर तक नहीं रहने की सलाह दी गई है। धूप में रहकर ज्यादा टाइम तक काम ना करें और ठंडे इलाके में रहने की कोशिश करें। ज्यादा गर्मी के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पिए और
खुद को हाइड्रेट रखने के लिए नींबू पानी, लस्सी यदि पिए और जरूरी कदम उठाएं।
ओलावृष्टि और भारी बारिश से पड़ने वाले प्रभाव जरूरी उपाय
मौसम विभाग के अनुसार झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, सहित अरुणाचल प्रदेश में विद्यालय और अप हिमालयी, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, उड़ीसा, केरल, जैसे राज्यों के कुछ भागों में भारी बारिश और और ओलावृष्टि की संभावना है। इस दौरान पक्की हुई फसलों को सही और सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं। पकी हुई फसलों को कटाई कर ले और जल्दी खराब होने वाली फसलों को तिरपाल से ढक्कर रखें। जहां पानी का भराव होने की ज्यादा संभावना है, उन स्थानों से फसलों को सुरक्षित करने के लिए पानी निकालने का उपाय करें और सही स्थान पर ले जाएं।
पशुपालन के लिए जरूरी उपाय
भारी बारिश, भीषण गर्मी, ओलावृष्टि और तेज हवाएं आकाशीय से बिजली के कारण पशुओं को भी नुकसान पहुंच सकता है और इससे बचने के लिए जरूरी कदम उठाना बहुत आवश्यक है।

तेज आंधी के कारण पशुओं के ऊपर पेड़ गिरने की भरी संभावना रहती है, ऐसे में सुरक्षित स्थान पर बांधकर रखें और ज्यादा गर्मी के दौरान ठंडी छाया में बांधे। आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा रहता है, तो ऐसे पेड़ो से भी दूर बांधे जहां पर बिजली गिरने का ज्यादा खतरा होता है।
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